क्यों होता है रीढ़ की हड्डी में दर्द, सोते समय किन बातों का रखें ख्याल
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तीन तरह की मांसपेशियां रीढ़ को करती हैं सपोर्ट
- एक्सटेंसर्स Extensors (पीठ और ग्लूटियल मांसपेशियां)
- फ्लेक्सर्स Flexors (पेट और इलिओसोआस मांसपेशियां)
- ओब्लिक या रोटेटर्स Oblique or Rotators (किनारे की मांसपेशियां)
बुजुर्गों को होती है अधिक समस्या
बुजुर्ग लोग आम तौर पर इस समस्या से जूझते हैं। वृद्ध महिलाओं को अक्सर ऑस्टियोपोरेसिस होता है, जिसकी वजह से पीठ दर्द होता है। कभी-कभी शरीर के अन्य हिस्सों जैसे कंधे या कूल्हों में दर्द या बीमारी भी पीठ दर्द (Back Pain) का कारण बन सकती है। रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या बुर्जुगों को अधिक होती है क्योंकि उम्र के साथ उनकी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
रीढ़ की हड्डी में दर्द का कारण
रीढ़ की हड्डी में दर्द आमतौर पर स्ट्रेन, टेंशन या इंजरी से उपजता है। कमर दर्द के लगातार कारण हैं:
- तनावपूर्ण मांसपेशियों या लिगामेंट्स
- मांसपेशियों में ऐंठन
- मांसपेशी का खिंचाव
- डैमेज्ड डिस्क
- चोट, फ्रेक्चर, या गिरना
वे गतिविधियां जिनकी वजह से तनाव या ऐंठन हो सकती है:
- अनुचित तरीके से कुछ उठाना
- कुछ ऐसा उठाना जो बहुत भारी हो
- एक अचानक और अजीब मूवमेंट लेना
रीढ़ की हड्डी में दर्द के लक्षण
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द और जकड़न महसूस होना
- रात में दर्द होना
- पीठ दर्द का कमर और कूल्हों तक फैलना
- पैर का सुन्न होना
- चलते समय परेशानी होना
- चलने या व्यायाम करने पर दर्द और बढ़ जाना
नॉन सर्जिकल ट्रीटमेंट
स्ट्रेन, स्प्रेन और न्यूरल कंप्रेशन जैसी समस्याएं कुछ दिन बेड रेस्ट करके और कम भागदौड़ करके ठीक की जा सकती हैं। अगर मोच हल्की है तो आमतौर पर एक से तीन दिन में ठीक हो जाती है। अगर दर्द ठीक हो जाए तो यह बेड रेस्ट को कम कर देना चाहिए, क्योंकि लंबे समय तक बिस्तर पर आराम करने से मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है। इससे मांसपेशियों में जकड़न भी बढ़ सकती है, जिससे दर्द बढ़ सकता है। अगर दर्द हल्का है, तो शुरुआती इलाज में आमतौर पर नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी (non-steroidal anti-inflammatory) दवाएं ली जा सकती हैं।
सोते समय इन बातों का रखें ख्याल
रीढ़ की हड्डी के दर्द का एक कारण गलत तरह के मैट्रेस का चुनना भी हो सकता है। इस बारे में जब हैलो हैल्थ ने सीनियर कंसल्टेंट फिजियोथेरेपिस्ट, डॉ. तिजी मैथ्यू थॉमस से बात की तो उन्होंने कहा, “किसी के लिए भी जरुरी है कि सोते या बैठते समय पॉश्चर ठीक रखें। इसके अलावा रीढ़ की हड्डी के लिए सही सर्पोट मिलना भी जरूरी है ताकि हम लंबे समय तक आराम से बैठ या सोया जा सके। यह अच्छी नींद के लिए जरुरी है। बाजार में अलग-अलग तरह के मैट्रेस उपलब्ध हैं। ऐसा ही एक मैट्रेस रेंज है ड्यूरोपेडिक जिसमें फाइव जोन फुल प्रोन सपोर्ट सिस्टम इस्तेमाल किया गया है। ये फाइव जोन सपोर्ट सिस्टम रीढ़ की हड्डियों और पूरे शरीर को सपोर्ट करता है, जो नींद में भी आपकी हड्डियों को आराम देता है।
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