पूरी दुनिया को हिलाने वाली कुछ महामारी, जानें किस-किस की वैक्सीन है उपलब्ध

कोरोना महामारी के चलते जानिये अन्य कौनसी महामारी ने मचाया विश्व में हाहाकार !

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स्पेनिश फ्लू

स्पेनिश फ्लू ने 1918 में तबाही मचाई थी और दुनिया की करीब एक तिहाई आबादी को अपना शिकार बना लिया था। यह वायरस सबसे पहले यूरोप, यूनाइटेड स्टेट्स और एशिया के कुछ हिस्सों में देखा गया था। जिसने करीब 2 करोड़ से 5 करोड़ लोगों की जिंदगी खत्म कर दी थी। यह वायरस एच1एन1 फ्लू था, जो कि खांसी, छींकने के दौरान निकलने वाली ड्रॉप्लेट्स के संपर्क में आने से फैलता है।

वैक्सीन- स्पेनिश फ्लू की सबसे पहली वैक्सीन 1942 में विकसित हुई। लेकिन, इंफ्लुएंजा फ्लू का स्ट्रेन हर साल बदल जाता था, जिससे पिछली बार विकसित हुई वैक्सीन प्रभावशाली नहीं रहती थी। हालांकि, वार्षिक वैक्सीन लगवाकर फ्लू के खतरे को कम किया जा सकता है।

 

पोलियो

पोलियो एक वायरल डिजीज है, जो नर्वस सिस्टम पर असर डालकर लकवा का कारण बनती है। यह संक्रमित व्यक्तियों के साथ सीधे संपर्क से फैलती है या जन्म के बाद हो सकती है। सबसे पहले इस महामारी को 1916 में यूनाइटेड स्टेट्स में दर्ज किया गया, जो कि 1952 में काफी खतरनाक बन गई थी। 57,628 मामलों में से 3,145 लोगों की जान चली गई थी।

वैक्सीन- तीन साल बाद 1955 में डॉ. जोनास साल्क ने वैक्सीन विकसित की और 1962 तक आते-आते इसके मामले घटकर हर साल औसतन 910 हो गए। पोलियो का कोई इलाज नहीं है, इसलिए इसकी वैक्सीन लगवाना जरूरी है।

 

एचआईवी/एड्स

1981 में पहली बार इस महामारी का मामला दर्ज किया गया, जिसे आज हम एचआईवी/एड्स के नाम से जानते हैं। पहली बार इस बीमारी को सिर्फ दुर्लभ लंग इंफेक्शन के तौर पर जाना जाता था। लेकिन, अध्ययनों के बाद पता चला कि, यह शरीर का पूरा इम्यून सिस्टम खराब कर देती है। एचआईवी की फाइनल स्टेज को एड्स कहा जाता है। यह बीमारी 1980 से लेकर आजतक मौजूद है, जो कि असुरक्षित यौन संबंध या खून के जरिए फैलती है।

वैक्सीन- एचआईवी/एड्स की कोई वैक्सीन या इलाज उपलब्ध नहीं है। इसका सिर्फ बचाव किया जा सकता है। यह बीमारी गर्भवती महिला से उसके बच्चे को भी हो सकती है।

 

कोलेरा

इसका सबसे पहला प्रकोप 1817 में रशिया से देखने को मिला, जहां करीब 10 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई। यह बीमारी संक्रमित मल-मूत्र से संक्रमित पानी और फूड से फैलती है। यह बैक्टीरिया ब्रिटिश सैनिकों में पहुंचने के बाद, उनके द्वारा भारत में पहुंचा। जहां कई लाख लोगों की मृत्यु भी हुई। ब्रिटिश एंपायर की वजह से यह खतरनाक बैक्टीरिया स्पेन, अफ्रीका, इंडोनेशिया, चीन, जापान, इटली, जर्मनी और अमेरिका भी पहुंचा और इन जगहों पर करीब 1,50,000 लोगों की मृत्यु हुई।

वैक्सीन- कोलेरा की वैक्सीन सबसे पहले 1885 में फेरन द्वारा विकसित की गई थी। लेकिन, इसके बाद भी यह महामारी चलती रही और समय के साथ वैक्सीन एडवांस होने से इसका इलाज उपलब्ध हो सका।

 

स्वाइन फ्लू (H1N1; Swine Flu)

स्वाइन फ्लू (एच1एन1) एक खतरनाक वायरस की वजह से होने वाला संक्रमण है, जिसने 2009 में पूरी दुनिया में तनाव ला दिया था। इस दौरान स्वाइन फ्लू की वजह से दुनियाभर में 2 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई थी। एच1एन1 फ्लू का नाम स्वाइन फ्लू इस वजह से पड़ा, क्योंकि इस वायरस के जेनेटिक आमतौर पर सुअरों में पाए जाने वाले संक्रमण से मिलते हैं।  खतरनाक वायरस स्वाइन फ्लू संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने के दौरान निकलने वाली छोटी ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने या इस ड्रॉप्लेट्स की वजह से संक्रमित सतह को छूने की वजह से फैल सकता है।

वैक्सीन- 2009 में फैली इस महामारी से बचने के लिए 2009 से ही वैक्सीन उपलब्ध है, जिसे फ्लू वैक्सीन या फ्लू शॉट कहते हैं। इससे बचने का एकमात्र यही रास्ता है।

 

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