हड्डी की समस्याएं

हड्डियों में कई प्रकार की समस्याएं होती हैं

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1. कम अस्थि घनत्व और हड्डियों की कमजोरी (ऑस्टियोपोरोसिस):

हड्डी बढ़ने का रोग (प्रोग्रेसिव बोन डिजीज) , हड्डी द्रव्यमान और घनत्व में कमी होने के कारण फ्रैक्चर का खतरा बढ़ा देता है। अस्थि खनिज घनत्व (बोन मिनरल डेंसिटी) कम हो जाता है, हड्डी माइक्रोआर्किटेक्चर कमजोर हो जाता है, और हड्डी में प्रोटीन की किस्म और मात्रा बदल जाती है । 

  • जोखिम कारक: बुढ़ापा, महिलाओं में ,शरीर का कम वजन, कम सेक्स हार्मोन या रजोनिवृत्ति, धूम्रपान, और कुछ दवाएं
  • लक्षण:
  1. पीठ दर्द, रीढ़ की हड्डी टूटने की वजह से।
  2. समय के साथ लंबाई कम होना।
  3. झुकी मुद्रा।
  4. हड्डी फ्रैक्चर जो आसानी से होता है
  • उपचार: ऑस्टियोपोरोसिस का इलाज करने के लिए खाने की आदतों के साथ जीवन शैली में परिवर्तन, व्यायाम आदि करना चाहिए ।उन दवाओं को जिसमे कैल्शियम की गोलियां / कैप्सूल, डॉक्टरों द्वारा निर्धारित दवाएं शामिल हो उनको लेना चाहिए। कैल्शियम से भरपूर आहार जैसे दूध, दही, संतरे का रस, हरी सब्जियां, सोया दूध, कैल्शियम दृढ़ अनाज, ब्रोकली, सेलमन आदि को लिया जाना चाहिए।

2. रिकेट्स और ऑस्टीओमलेसिया :

  • ऑस्टीओमलेसिया दोषपूर्ण अस्थि खनिज और अपर्याप्त मात्रा में उपलब्ध फास्फोरस और कैल्शियम या हड्डी से ज़्यादा कैल्शियम के अवशोषण (जो हाइपरकैल्समिया का कारण बनता है) की वजह से हड्डियों का नरम या मुलायम होना होता है। बच्चों में ऑस्टीओमलेसिया को रिकेट्स के रूप में जाना जाता है।
  • रिकेट्स बढ़ती हुई हड्डी की संरचना को प्रभावित करता है। हड्डियों में कैल्शियम की कमी के कारण वह कमजोर हो जाती हैं। शरीर के वजन से पैरों की हड्डियां मुड़ जाती है ।
  • लक्षण: कमजोर हड्डियां , मांसपेशियों में कमजोरी, हड्डी में दर्द, अतिकैल्शियमरक्तता (हाइपरकैल्समिया), सपाट पेल्विक , फ्रक्चरिंग आसान हो जाती है , हड्डी नरम और जाती हैं ।
  • उपचार:अगर विटामिन डी की कमी के कारण ऑस्टीओमलेसिया होता है, तो रोगी को विटामिन डी का सेवन बढ़ाने की सलाह दी जाती है । विटामिन डी से भरपूर कुछ खाद्य पदार्थ हैं:
  1. समृद्ध या दृढ़ दूध और दूध उत्पाद
  2. मछली, मछली, झींगा, सार्डिन
  3. कैल्शियम से भरपूर अनाज
  4. कॉड लिवर तेल
  5. अंडे की जर्दी
  • डॉक्टर विटामिन डी की केंद्रित आपूर्ति के साथ ही कैल्शियम पूरक भी लिख सकते हैं। जिन्हें लैक्टोज इंटोलेरंट हैं या दूध से एलर्जी है चिकित्सक या आहार विशेषज्ञ उन्हें विटामिन डी के अन्य वैकल्पिक स्रोतों की सलाह दे सकते हैं ।

3. पैगेट्स रोग:

पैगेट्स रोग आपकी हड्डियों को बहुत बड़ा और कमजोर कर देता है। यह आसानी से टूट भी सकती है। यह रोग अन्य स्वास्थ्य समस्याएं गठिया और बहरेपन को बढ़ा सकता हैं। किसी भी हड्डी में पैगेट्स रोग हो सकता है, लेकिन यह रीढ़, कमर, खोपड़ी, और पैरों में सबसे आम होता है।

  • कोई नहीं जानता कि पैगेट्स रोग का क्या कारण है। कुछ मामलों में, एक वायरस जिम्मेदार होता है। डॉक्टर पैगेट्स रोग का निदान करने के लिए रक्त परीक्षण और इमेजिंग परीक्षण उपयोग करते हैं । शीघ्र निदान और उपचार लक्षणों को बुरा होने से रोकने में मदद करते हैं।
  • लक्षण: दर्द, बढ़ी हुई हड्डियां , टूटी हुई हड्डियां , जोड़ों में क्षतिग्रस्त कार्टिलेज शामिल हैं।
  • उपचार:उपचार में दवाएं और कभी कभी सर्जरी भी शामिल होती हैं। एक अच्छा भोजन और व्यायाम भी मदद कर सकता है।

4. बोन कैंसर:

बोन कैंसर एक असामान्य कैंसर है जो हड्डी से शुरू होता है। बोन कैंसर शरीर में किसी भी हड्डी में शुरू हो सकता हैं, लेकिन यह सबसे अधिक हाथ और पैर की लंबी हड्डियों को प्रभावित करता है। शरीर के अन्य हिस्सों में शुरू होने वाले और हड्डी में फैलने वाले कैंसर को “हड्डी के कैंसर” में शामिल नहीं करते हैं । आम तौर पर यह डीएनए में त्रुटि के कारण होता है।

  • हड्डी के कैंसर के प्रकार:
  1. ऑस्टीओकारकोमा : अस्थि कोशिकाओं में शुरू होता है और ज़्यादातर बच्चों और युवाओं में होता है ।
  2. कोंड्रोसारकोमा: उपास्थि कोशिकाओं में शुरू होता है, आमतौर पर हड्डियों के सिरों में पाया जाता है । कोंड्रोसारकोमा सबसे अधिक बुजुर्गों को प्रभावित करता है।
  3. इविंग सारकोमा: यह माना जाता है कि इविंग सारकोमा हड्डी के भीतर तंत्रिका टिश्यू में शुरू होता है। इविंग सारकोमा अकसर बच्चों और युवा वयस्कों में होता है।
  • हड्डी के कैंसर के लक्षण में हड्डी में दर्द, सूजन और प्रभावित क्षेत्र के पास कोमलता, टूटी हुई हड्डी, थकान, वजन घटना आदि शामिल हैं ।
  • एमआरआई, सीटी, बोन स्कैन, एक्स-रे आदि का उपयोग करके इसका निदान किया जा सकता है ।
  • हड्डी के कैंसर का उपचार कैंसर के प्रकार पर, उसके चरण और शरीर के स्वास्थ्य और प्राथमिकताओं पर आधारित होता है। बोन कैंसर का इलाज आम तौर पर सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन या उपचारों के संयोजन से होता है।

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