स्वाइन फ्लू जिसे H1N1 या स्वाइन इन्फ्लूएंजा के नाम से भी जाना जाता है, यह मनुष्य में होने वाली संक्रमित बीमारी है।
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इस बीमारी का नाम स्वाइन फ्लू इसलिए रखा गया है क्योंकि यह सुअर यानी स्वाइन से मनुष्यों में फैलता है। मनुष्यों में फैलने के बाद ये दूसरे मनुष्यों में आसानी से फैल जाता है। इसका वायरस का शरीर के अंदर प्रवेश करने के साथ ही शरीर में कई अलग तरह के बदलाव हो सकते हैं और मरीज कई तरह की परेशानी महसूस कर सकता है।
स्वाइन फ्लू के कारण
स्वाइन फ्लू के कुछ ही कारण हैं। उनमें शामिल हैं:
- संक्रमित सुअर- किसी भी कारण संक्रमित सुअर के संपर्क में आने से संक्रमण का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है। क्योंकि इस बीमारी की शुरुआत संक्रमित सुअर या पक्षियों के संपर्क में आने के कारण होता है।
- संक्रमित व्यक्ति- यह सामान्य कारण होने के साथ-साथ गंभीर भी हो सकती है। क्योंकि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहने वाले लोग या परिवार के सदस्यों में इसका खतरा बढ़ जाता है।
स्वाइन से बचाव के लिए इन चीजों का नियमित सेवन करें
- फल- विटामिन-सी युक्त फल जैसे कीवी, लीची, अमरुद, चेरी, ब्लैक्बेरी, पपीता, संतरा और स्ट्रॉबेरी का सेवन करने से फायदा मिल सकता है। इनसे प्राप्त होने वाला विटामिन- और अन्य मिनरल्स स्वास्थ के लिए फायदेमंद होते हैं। ध्यान रखें कि सर्दी-जुकाम होने की स्थिति में खट्टे फलों का सेवन न करें।
- हरी पत्तेदार सब्जियां- हरी पत्तीदार सब्जियों में विटामिन-सी और विटामिन-ई दोनों ही प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। पालक, फूल गोभी, पत्ता गोभी, तोरी, लौकी और भिंडी जैसी अन्य हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। इससे भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- ब्रॉथ (सूप)- आप मांसहारी हों या शाकाहारी लेकिन, आपको उस हिसाब से अपने आहार में सब्जियों या चिकन या मीट से बना सूप जरूर शामिल करना चाहिए। सूप का सेवन बीमारी के दौरान या फिर ठीक होने पर भी किया जा सकता है। इससे शरीर में पानी की कमी भी नहीं होती है।
- पानी- रोजाना 2 से 3 लीटर पानी पीने की आदत डालें। अगर आप कम पानी पीते हैं, तो धीरे-धीरे पानी की मात्रा बढ़ा सकते हैं। क्योंकि बीमारी या फ्लू के दौरान शरीर में पानी की कमी तेजी से होती है। आप चाहें तो ग्रीन टी, जिंजर टी, हर्बल टी या इलेक्ट्रॉल का सेवन किया जा सकता है।
- दलिया- किसी भी बीमारी के दौरान या सामान्य स्थिति में भी दलिया सेहत के लिए लाभदायक होता है।
- साबुत अनाज- साबुत अनाज और कद्दू के बीज जो स्वाइन फ्लू के खिलाफ एंटीबॉडी भी बनाते हैं।
- मसाले- फ्लू के कारण चेस्ट में परेशानी या साइनस की समस्या हो सकती है। इसलिए काली मिर्च और हल्दी का सेवन किया जा सकता है। लेकिन, ध्यान रहे मसालेदार खाने से परहेज करें।
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