हड्डियों से जुड़े कुछ जरुरी तथ्य

हड्डी की संरचना- अस्थियाँ या हड्डियाँ रीढ़धारी जीवों का वह कठोर अंग है जो मेरुदंड का निर्माण करती हैं। यह शरीर को चलाने (स्थानांतरित करने), सहारा देने 

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और शरीर के विभिन्न अंगों की रक्षा करने में सहायता करती हैं, साथ ही यह लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने और खनिज लवणों को संग्रह करने का कार्य भी करती हैं। अस्थियाँ विभिन्न आकार और आकृति की होने के साथ वजन मे हल्की पर मजबूत होती हैं। इनकी आंतरिक और बाहरी बनावट जटिल होती है। 

हड्डी में मुख्य रूप से कोलेजन फाइबर और इनऑर्गेनिक अस्थि खनिज के छोटे क्रिस्टल होते हैं। यह कठोर होती है और कई कार्यों को करने में मदद करती हैं।

लंबी हड्डियां जैसे जांघ की हड्डी (फीमर) में दो अलग तरह की हड्डियां होती हैं:

  • कॉर्टिकल (कॉम्पैक्ट) हड्डी: कॉर्टिकल हड्डी, हड्डी शाफ्ट के नीचे सेंट्रल मेरो कैविटी के आसपास एक घना सिलेंडर बनाती हैं । कॉर्टिकल हड्डी मानव शरीर में कुल हड्डी का 80% भाग होता है और इसका सतह क्षेत्र बहुत कम होता है।
  • जालीदार या ट्रबॅक्युलर (स्पंजी) हड्डी: लंबी हड्डियों के सिरों पर स्थित होता है, कंकाल के कुल भाग का लगभग 20% इसका भाग होता है और इसकी बनावट खुले, छत्ते की तरह होती है। इसमें कॉर्टिकल हड्डी के मुकाबले बहुत कम यंग मापांक (मोड्यूल्स ) होता है, और यह वर्गीकृत मापांक धीरे-धीरे कॉर्टिकल हड्डी के गुणों से मिलता है जो जो जांघ की हड्डी के सिर (फेमोरल हेड) पर जुडी हुई सतह बनाता है।

 

हड्डियों का गठन (बनना)

अस्थि कोशिकाओं द्वारा नई हड्डी सामग्रियों (अस्थिकोरक) से अस्थि या हड्डी बनती है। अस्थि का निर्माण वास्तव में अन्य प्रकार के खनिजीय अस्थि टिस्सूस का परिवर्तन या बोन टिश्यू भी कहते हैं । टिश्यू से हड्डियां बनने के आधार पर, हड्डी बनने की प्रक्रिया तीन प्रकार की होती है

  • हड्डी के प्राथमिक कनेक्टिव टिश्यू (मेसेन्चयमे ) को नीचे बिछाने से इंटरमेमब्रेनॉस हड्डी बनती है। खोपड़ी, हंसली, और जबड़े की फ्लैट हड्डियां इसी से बनी होती हैं ।इस प्रक्रिया द्वारा हड्डी बनने को झिल्लीदार हड्डी या त्वचीय हड्डी के रूप में जाना जाता है।
  • इंडोचोनड्राल हड्डी नरम हड्डी से बनती है। इसमें , मेसेन्चयमे कार्टिलेजेंइयस मॉडल में परिवर्तित हो जाती है और हड्डी बनने की प्रक्रिया इन उपास्थि मॉडल में शुरू होती है। कार्टिलेज में मेसेन्चयमल कंडेंसेशन्स के परिवर्तन की प्रक्रिया को चोन्द्रिफिकेशन कहते है और यह प्रक्रिया अंतर्गर्भाशयी जीवन के दूसरे महीने के दौरान होती है। इससे लंबी हड्डियां और अन्य हड्डियां बनती हैं ।
  • हेटेरोटोपिक हड्डी बनना अस्थि ऊतक के गठन की असामान्य प्रक्रिया है जो एक्स्ट्रास्केलेटल स्थान पर होती है।

 

हड्डी के भाग

  • हड्डी की बाहरी सतह को पेरिओस्टेम कहा जाता है। यह बहुत पतली झिल्ली होती है, जिसमे नसें और रक्त वाहिकाये होती है। यह हड्डियों को पोषक तत्व पहुंचाती हैं ।
  • कॉम्पैक्ट हड्डी, हड्डी का चिकना और बहुत ही कठोर हिस्सा है। कंकाल को देखने पर आपको यही हिस्सा दिखता हैं।
  • चिमड़ा हड्डी कॉम्पैक्ट हड्डी की तुलना में हल्की होती है पर बहुत मजबूत होती है। इसमें बीच में खाली जगह एक स्पंज की तरह या शहद के छत्तें की तरह होती है।
  • हड्डी के अंदर का भाग खोखला होता हैं। यह बोन मेरो (अस्थि मज्जा) नामक जेली से भरा होता हैं । बड़े लोगों में पैर और भुजाओं की लंबी हड्डियां पीले मज्जा (येलो मेरो ) से भरी होती हैं। सिरों में लाल मज्जा (रेड मेरो )होती है। यह वह जगह होती है, जहां रोज़ाना करीब अरबों की संख्या में नई रक्त कोशिकाओं का उत्पादन होता है।

जब बच्चे का जन्म होता है तो उसमें 300 “सॉफ्ट” हड्डियां होती है। जैसे वह बढ़ता है, इनमे से कुछ हड्डियां साथ होकर बढ़ती हैं जो 206 हड्डियां हो जाती है जो सामान्य बड़े लोगों में होती हैं । बचपन के दौरान हड्डियां कैल्शियम की मदद से बढ़ती है। जब आप २० वर्ष की उम्र तक पहुँचते हैं , हड्डियों का बढ़ना रुक जाता है ।

पीक (बढ़ा हुआ) हड्डी द्रव्यमान क्या है?

  • हड्डी द्रव्यमान 20 से 35 साल की उम्र तक बढ़ता (पीक) है। इस उम्र में हड्डी बहुत मजबूत होती है। पर इस उम्र के बाद, हड्डियों का घनत्व (मास ) धीरे-धीरे कम हो जाता है।
  •  बढ़ती उम्र के साथ ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करने के लिए एक अच्छा हड्डी द्रव्यमान महत्वपूर्ण है। क्योंकि हड्डियों की हानि से पहले हड्डियां मजबूत होती हैं ।
  • बचपन, किशोरावस्था और जल्दी वयस्कता के दौरान अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी और कैल्शियम शामिल करके और विशेष रूप से नियमित वजन गतिविधियों द्वारा जैसे चलने और सीढ़ियों पर चढ़ने से हड्डी द्रव्यमान को बढ़ाया जा सकता है ।

रोचक तथ्य..!!

  • मनुष्यों में पैदा होने के समय उनके शरीर में 300 हड्डियां होती हैं, लेकिन बड़े होने तक सिर्फ 206 हड्डियां होती है।
  • शरीर में सबसे ज़्यादा हड्डियां हाथों में होती हैं। कलाई को मिलाकर 54 हड्डियां होती हैं।
  • फीमर (थइबोन ) शरीर में सबसे लंबी हड्डी होती है जो आपकी ऊंचाई की १/४ होती है।
  • मनुष्य और ऊंट की गर्दन में हड्डियां समान नंबर में होती है।
  • जन्म के दौरान पूरी तरह बढ़ी हड्डी केवल कान में स्थित होती है।
  • वयस्क मानव हड्डियों का वजन शरीर के वजन का कुल 14% है ।
  • आपके शरीर में सबसे मजबूत हड्डी फीमर (थाईबोन ) है, और यह खोखली होती है!
  • इनेमल मानव शरीर में सबसे कठोर पदार्थ है।
  • हाथ के नाखून, पैरों के नाखूनों की तुलना में लगभग 4 गुना तेजी से बढ़ते हैं !
  • शरीर में सबसे कमजोर पैर की अंगुली की हड्डियां होती हैं।

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